Anti India fully falcious report of UN on Jammu & Kashmir :- A Propaganda
भारत के खिलाफ जम्मू और कश्मीर के ऊपर मानवाधिकार से संबंधित UN का झूठा रिपोर्ट||
आज इस रिपोर्ट से पहले Indian army के Rifle Man औरंगजेब को श्रद्धांजलि देता हूँ, जिसको आतंकियो ने अपहरण करके हत्या कर दी।
आज एक भारतीय होने के नाते हम सबके लिए यह जानना और समझना बहुत जरूरी है कि हमारे देश की राजनीतिक और कूटनीतिक पहचान और समस्या क्या है??
अगर इसमें भी प्राथमिकता देने की बात हो तो हमें International Diplomacy को प्राथमिकता देने की जरूरत है|
भले ही हम सब अलग अलग राजनीतिक विचारधारा से जुड़े हैं, परंतु हम सबका Motive सिर्फ और सिर्फ National Progress और sovereignty होनी चाहिए|
आप सब को यह बताना चाहता हूं कि United Nation ने Jammu & Kashmir के ऊपर 49 Page का रिपोर्ट तैयार करके दिया है जो कि जम्मू और कश्मीर और वहां के मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर है|
आखिर क्या कहा गया है उस रिपोर्ट में??
यूएन का Human Rights के ऊपर कश्मीर के लिए इस तरह का यह पहला रिपोर्ट है जिसमें कहा गया है कि कश्मीर में Indian Army को 28 सालों से जो विशेषाधिकार दिया गया है उसका Army गलत इस्तेमाल कर रही है|
जिससे Human Rights का Violation हो रहा है उसमें पैलेट गन और Guns के इस्तेमाल पर सवाल उठाए गए हैं|
यह रिपोर्ट 2016 जुलाई से अब तक के आधार पर तैयार किया गया है| इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पैलेट गन के इस्तेमाल के कारण अब तक 6221 लोग घायल हुए हैं और काफी संख्या में मारे गए हैं|
इस रिपोर्ट में आजाद कश्मीर जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया है|
इस रिपोर्ट में बुरहान वानी को एक आतंकी के बजाय Leader बताया गया है।
इसमें Hijbul Muzahiddin को Terror Group के बजाय सिर्फ एक को हथियारबंद संगठन बताया गया है|
यह सब कुछ सिर्फ एक ही बात की तरफ इशारा करता है कि यह एक Anti India मुहिम के तहत स्विट्जरलैंड में बैठ कर तैयार किया गया है| जिसका Reality से कोई लेना देना नहीं है| इस रिपोर्ट में कहीं भी Stone Pelter और Terrorist जैसे शब्दों का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया है| इसमें Army और Media के साथ होने वाले निर्मम Lynching और Stone Pelting का कोई जिक्र नहीं है|
इसमें 28 सालों से सेना को दिए गए विशेषाधिकारों पर प्रहार किया गया है| साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र परिषद में इसकी जांच कराने की भी मांग कर दी है|
सारी बातें सिर्फ इस तरफ इशारा करती है कि इसका Reality Check हुआ ही नहीं है और इसका कोई मतलब नहीं है, यह एक Baseless रिपोर्ट है।
इस रिपोर्ट पर भारत सरकार का क्या रुख है?
इस रिपोर्ट के आने के बाद Ministry of External Affair ne रिप्लाई किया है और कहा है कि हम इस रिपोर्ट को नहीं मानते हैं क्योंकि :-
1) बहुत ही ज्यादा पूर्वाग्रह से ग्रसित है|
2) इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है यह एक झूठी कहानी से ग्रसित है|
3) रिपोर्ट में आजाद कश्मीर शब्द जुड़े होने के कारण यह भारत के संप्रभुता पर आक्रमण है जिसके कारण इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता|
4) और दुनिया के अन्य देशों को यह अधिकार नहीं है कि यह झूठे रिपोर्ट के आधार पर वह कश्मीर में आकर की टांग अड़ाए।
इस पर बीजेपी के सीनियर नेता नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इसपर समय बर्बाद करने के बजाय Dustbin में फेंक देना चाहिए|
सिक्योरिटी से जुड़े सलाहकार N N Jha ने भी इस रिपोर्ट को Condemn किया है।
साथ ही देश के मुख्य कब विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी सरकार के इस कदम का समर्थन किया है|
इस रिपोर्ट के उलट सच्चाई यह है कि भारत ने जुलाई 2016 के बाद से अबतक कश्मीर में 205 सैनिकों के जान गवाए हैं।
सिर्फ रमजान के महीने में सीजफायर घोषित होने के बाद 14 सैनिकों के जान गवाए हैं|
कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है जिसे किसी रिपोर्ट से झूठलाया नहीं जा सकता है| कश्मीर में उत्पन्न समस्याएं पाकिस्तान से समर्थित आतंकवाद के कारण उत्पन्न समस्याएं हैं। जिसका माकूल जवाब भारतीय सैनिक देती रहेगी।
Indian Army दुनिया के सबसे पराक्रमी के साथ-साथ सहनशील सेना में से एक है अन्यथा अब तक कितनी Casualty नही होती|
अतः अब सवाल यह उठता है कि बिना कश्मीर में आए स्विट्जरलैंड में बैठकर आखिर किसके इशारे पर इस तरह के रिपोर्ट तैयार किए गए।
आखिर वह कौन लोग हैं जो भारत के खिलाफ Anti India मुहिम में शामिल है और ऐसे लोगों के खिलाफ भारत सरकार का क्या रुख होगा|
खैर जो भी है लेकिन हमें एक जिम्मेदार नागरिक के नाते इस घड़ी में अपने देश के साथ खड़े रहने की जरूरत है, खासकर तब जब कोई देश या ग्रुप हमारे देश के खिलाफ एंटी इंडिया मुहिम चला चला रहा है ।
क्या सचमुच कश्मीर में Human Rights का Violation होता है:-
1) हाँ
2) नहीं
3) सुरक्षाबलों के अधिकार का हनन होता है।
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