Kya lenin ka statue, amar jawan memorial se jyada important hai?

क्या लेनिन की प्रतिमा अमर जवान मेमोरियल से ज्यादा महत्वपूर्ण है?





 आज पूरे भारतवर्ष में जिस तरह की राजनीति हो रही है उसमें लेनिन के स्टेचू को तोड़ने पर राष्ट्रीय मुद्दा बनना कोई बड़ी बात नहीं है, और इसमें कुछ भी विचित्र नहीं है।

 हालांकि हमें यह समझना चाहिए कि किसी के भी स्टेचू को सिर्फ तोड़ना किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। इसके लिए हमें उससे जुड़ी हुई नीतियों का अंत करना होगा उसके सोच का अंत करना होगा। लेकिन वर्तमान स्थिति देश में यह है कि एक के बाद एक मूर्तियां पूरे देश में तोड़ी जा रही है जिसमें श्यामा प्रसाद मुखर्जी, अंबेडकर और गांधी  की मूर्तियां शामिल है।

 इन मूर्तियों के टूटने के कारण सारी राजनीतिक पार्टियां और बिकाऊ मीडिया इस पर चर्चा में व्यस्त हो चुकी है।
 लेकिन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आज एक विदेशी के स्टेचू पर विवाद खड़ा करने वाले का जुबान तब क्यों नहीं खुला, जब अगस्त 2011 में मुंबई के आजाद मैदान के बाहर अमर जवान मेमोरियल को तोड़ा गया।
 शायद उस समय जुबान इसलिए नहीं खोला खोला क्योंकि उस समय उसे तोड़ने वाले लोगों में जो शामिल थे,  यूनुस अंसारी और नजीर मोहम्मद वह दोनों ही शांति दूत कौन से थे। अगर यह उनके खिलाफ बोलते तो इनका वोट बैंक खतरे में पड़ जाता और तुष्टीकरण की राजनीति पूरी नहीं हो पाती। 
इसमें दिलचस्प बात यह है कि अमर जवान मेमोरियल को इसलिए तोड़ा गया क्योंकि मयानमार में मुस्लिमों के खिलाफ हो रहे कम्युनल वायलेंस के सपोर्ट में यह विरोध भारतीय मुसलमानों ने आजाद मैदान में बुलाया था। जिसका मुंबई और महाराष्ट्र से कोई संबंध नहीं था।

http://currentwa.blogspot.in/2018/03/kya-guard-of-honour-har-ek-award-winner.html?m=1

 इसी तरह 14 अगस्त 2017 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को छतिग्रस्त किया गया लेकिन इसका कोई अता-पता नहीं चल पाया। और इस बारे में भी कभी किसी भी नेता या मीडिया की जुबान नहीं खुली।
 इस तरह की मानसिकता बताता है कि हमारे ही देश में हमारे जवानों और महापुरुषों से ज्यादा प्यार कुछ लोग जिहादी और नक्सलवादी विचारधारा से करते हैं। और ऐसा सिर्फ इसलिए है क्योंकि हम ऐसे नेताओं का समर्थन करते हैं जो हमारे देश के खिलाफ  तुष्टिकरण की नीति अपनाते हैं, और यह सिर्फ वोट बैंक के कारण होता है, क्योंकि हम लोगों में एकता नहीं है। 
अतः हमें अपने आप से यह सवाल करना चाहिए कि हमारे लिए महत्वपूर्ण क्या है।
1   लेनिन और विदेशी डिक्टेटर की प्रतिमा
2    अमर जवान मेमोरियल और शहीदों का स्मारक
3    मुगल आक्रमणकारियों का प्रतिमा
 आप अपना सुझाव और जवाब जरूर दें।
 धन्यवाद।  वंदे मातरम।।
http://currentwa.blogspot.in/2018/03/moral-victory-is-only-term-or-is-it.html?m=1

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