Hindu nav varsh or Universe day

आज का दिन सिर्फ हिन्दू नव वर्ष ही नही सृष्टि दिवस भी है।


आज का दिन सिर्फ हिंदू धर्म के लिए ही नहीं बल्कि समस्त ब्रह्मांड के लिए एक विशेष दिन है।

 क्योंकि अथर्व वेद के अनुसार आज के दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। और आज के ही दिन से कलयुग की शुरुआत भी हुई थी।


 78 ईस्वी में आज के ही दिन शालिवाहन का शको पर विजय होने के पश्चात एक नए वर्ष की शुरुआत की घोषणा की गई थी। और इसे भारत में 1957 ईस्वी में आधिकारिक रूप से भारतीय कैलेंडर के रूप में Accept कर लिया गया।

*अतः आइए जानते हैं प्रतिपदा की 15 पौराणिक मान्यता

*1) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नए वर्ष का आरंभ माना जाता है।
*2) ब्रह्म पुराण में ऐसे संकेत मिलते हैं कि इसी तिथि को ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की थी। इसका उल्लेख अथर्ववेद तथा शतपथ ब्राह्मण में भी मिलता है।

*3) सृष्टि के संचालन का दायित्व इसी दिन से सारे देवताओं ने संभाल लिया था।

*4)नया संवत्सर प्रारंभ होने पर भगवान की पूजा करके प्रार्थना करनी चाहिए।

- हे भगवान! आपकी कृपा से मेरा वर्ष कल्याणमय हो, सभी विघ्न बाधाएं नष्ट हों।

http://currentwa.blogspot.in/2018/03/death-sentence-for-rapist-in-states.html


*5) दुर्गा जी की पूजा के साथ नूतन संवत्‌ की पूजा करें। घर को वंदनवार से सजा कर पूजा का मंगल कार्य संपन्न करें। कलश स्थापना और नए मिट्टी के बरतन में जौ बोए और अपने घर में पूजा स्थल में रखें।

*6) स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए नीम की कोपलों के साथ मिश्री खाने का भी विधान है। इससे रक्त से संबंधित बीमारी से मुक्ति मिलती है।

*7)एक प्राचीन मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान राम जानकी माता को लेकर अयोध्या लौटे थे। इस दिन पूरी अयोध्या में भगवान राम के स्वागत में विजय पताका के रूप में ध्वज लगाए गए थे। इसे ब्रह्म ध्वज भी कहा गया।

*8) ब्रह्मा जी ने वर्ष प्रतिपदा के दिन ही सृष्टि की रचना की साथ ही श्री विष्णु भगवान ने वर्ष प्रतिपदा के दिन ही प्रथम जीव अवतार (मत्स्यावतार) लिया था।

*9) शालीवाहन ने शकों पर विजय आज के ही दिन प्राप्त की थी इसलिए शक संवत्सर प्रारंभ हुआ।

*10) मराठी भाषियों की एक मान्यता यह भी है कि मराठा साम्राज्य के अधिपति छत्रपति शिवाजी महाराज ने वर्ष प्रतिपदा के दिन ही हिन्दू पदशाही का भगवा विजय ध्वज लगाकर हिंदवी साम्राज्य की नींव रखी।

*11) 'स्मृत कौस्तुभ' के मतानुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को रेवती नक्षत्र के 'विष्कुंभ योग' में भगवान श्री विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था।

*12)महान सम्राट विक्रमादित्य के संवत्सर का यहीं से आरंभ माना जाता है।

*13)ईरान में 'नौरोज' का आरंभ भी इसी दिन से होता है, जो संवत्सरारंभ का पर्याय है।

*14) 'शक्ति संप्रदाय' के अनुसार इसी दिन से नवरात्रि का शुभारंभ होता है।

*15)सतयुग का आरंभ भी इसी दिन से हुआ था।

 ज्योतिष में विश्वास रखने वालों के लिए यह वर्ष विक्रम संवत 2075 होगा और इसमें कुछ खास घटनाएं होगी जो इस तरह हैं।


http://currentwa.blogspot.in/2018/03/kya-lenin-ka-statue-amar-jawan-memorial.html


1.  न्यायपालिका में सुधार होगा सुप्रीम कोर्ट से बड़े फैसले आएंगे।
2.  विरोध और प्रदर्शन ज्यादा होंगे
3.  देश प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होगा
4.  महिलाओं का सम्मान बढ़ेगा

 इतिहास के  पन्नों में,

1.  आज के दिन ही गांधी को Civil disobedience  के कारण 18 March 1922 में 6 साल की सजा सुनाई गई थी।
2. 17 मार्च को यानी 1 दिन पहले प्रथम भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म हुआ था।
3.  RSS के Founder Dr. Keshav Baliram Hegdewad का जन्म भी हिंदी पंचांग अनुसार आज मतलब चैत्र प्रतिपदा में हुआ था।

आप सकभी को हिन्दू नव वर्ष की बहुत बहुत सुभकामनाएँ।।


 अतः आपको यह पोस्ट कैसा लगा अपना सुझाव जरूर दें।
 जय हिंद।
 धन्यवाद।।

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