Mosul me 39 Indian majdoor ki hatya & ISIS & non muslim
39 Indian मजदूरों की हत्या on the base of religion
एक बार फिर से हम हिंदुस्तानी मजदूरों के बारे में एक बयान देते हुए सुषमा बनर्जी ने बताया कि इराक के मोसुल से गायब हुए उनचालीस मजदूरों को आईएसआईएस आतंकियों ने 3 साल पहले गोली मारकर हत्या कर दी थी।
39 Indians have been killed in Mosul city of Iraq by ISIS because they were non muslim, however they freed more than 50 Bangladeshi because they were MUSLIMS. It means terror has a proper religion.
http://currentwa.blogspot.in/2018/03/kya-guard-of-honour-har-ek-award-winner.html?m=1
और उसे दफना दिया था जिसके बाद उसके जांच के लिए जनरल वीके सिंह वहां गए थे और उन शवों को खोदकर निकाला गया और उनके डीएनए सैंपल मैच करने के बाद 38 लोगों का सैंपल मैच कर गया है और एक का नहीं कर पाया।
इससे पहले हरजीत मसीह नाम के भारतीय नागरिक पहले ही किसी तरह वहां से बच कर आए और उन्होंने बताया था कि मोसुल से गायब सभी 39 मजदूरों का ISIS में हत्या कर दिया है।
मरने वालों में 27 सिर्फ पंजाब से हैं बाकी अन्य बिहार से 6और हिमाचल से 4 और West Bengal से 2 हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बताया कि सभी शवों को भारत लाया जाएगा और उसके बाद उनके परिजनों को सौंपा जाएगा।
It will take more 8 to 10 days to handover the dead bodies to their families for last rites.
http://currentwa.blogspot.in/2018/03/kya-lenin-ka-statue-amar-jawan-memorial.html
आपको बताते चलें कि भारतीय मजदूरों के साथ कुछ बांग्लादेशी मुस्लिमों को भी बंधक बनाया गया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
लेकिन भारतीय मजदूरों को मार दिया गया क्योंकि वह हिंदू और non muslim थे।
इतना सब होने के बाद भी अगर कोई कहता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता यह सरासर कि यह अफवाह और समुदाय विशेष को बचाने की साजिश है जो कि हिंदुओं और Non muslim के खिलाफ एक बहुत बड़ी अमानवीय घटना है।
और इन सबसे शर्मनाक ये है कि हमारे नेताओं ने Parliament में Sushma swaraj को अपना Speech भी पूरा नही करने दिया जो इन सारे मामले को सदन में रख रही थी।
जबकि आपको यह जानना जरूरी है कि सुषमा स्वराज पिछले 3 सालों में हर पीड़ित परिवार से 12 बार मिल चुकी है।
अब यह नहीं समझ में आता कि बिना किसी प्रूफ के बिना सबूत के किसी को मृत कैसे घोषित कर दिया जा सकता है।
विपक्ष का यह कहना है कि उसमें से भागकर आप आए एक हिंदुस्तानी ने कहा था कि उन सब को गोली मार दी गई है। लेकिन उसके पास उसका ना कोई सबूत है और ना ही गवाह है।
अगर इसी तरह पर माफी मांगी जरूरी है, तो कोई भी विपक्षी यह बताएं अगर उनके परिवार में कोई बेहोश हो जाता है और उसे हॉस्पिटल ले जाते हैं तो डॉक्टर क्या बिना जांचे हुए उसे मृत घोषित कर दे तो क्या उसे वह मृत्यु मान लेंगे, जबकि उनके सामने ही उनके परिवार का सदस्य unconscious हुआ था।
वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वह उनके परिवार का सदस्य है लेकिन जो 39 भारतीय मोसुल से गायब हुए थे उनका उनसे कोई लेना देना नहीं है यह सिर्फ उनका ढोंग और दिखावा है।।।
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